प्रदोष व्रत का महत्व :
यह व्रत शिवजी की प्रसन्नता और प्रभुत्व की प्राप्ति के लिए किया जाता है | वैसे तो सभी प्रदोष व्रत अत्यंत कल्याणप्रद होते है , परन्तु रविवार , सोमवार , मंगलवार और शनिवार के प्रदोष व्रत का अपना एक अगल महत्त्व है | व्रत रखने वाले को चाहिए की व्रत वाले दिन सूर्यास्त के समय पुन: स्नान करके शिवपूजन एव कथा करे और फिर
"भवाय भवनाशाय, महादेवाय धीमते | रुद्राय नीलकण्ठाय शर्वाय शशि मौलिने | उग्रायोग्राधनाशाय भीमाय भय हारिणे | ईशानाय नमस्तुभ्यं पशूनां पतये नमः ॥"
से प्रार्थना करके भोजन करें |
अर्क प्रदोष व्रत : रविवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को अर्क प्रदोष व्रत कहा जाता है | इस दिन किए जाने वाले प्रदोष व्रत से आरोग्य की प्राप्ति होती है और आयु में भी वृद्धि होती है | सभी तरह के रोग इस व्रत से दूर होते है और सूर्ये दोष दूर होता है साथ में शुभता देता है |
सोम प्रदोष व्रत : सोमवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष को सोम प्रदोष के साथ चंद्र प्रदोष व्रत भी कहते है | इस दिन किए जाने वाले प्रदोष व्रत से जातक की सभी इच्छाएं पूरी होती है और मानसिक शांति प्राप्त होती है | इस व्रत को करने से कोई भी शत्रु आपको कष्ट नहीं दे पाता क्योकि यह व्रत सुरक्षा करता है | इस व्रत से चन्द्रमा भी अपना शुभ फल देने लगता है |
भौम प्रदोष व्रत : मंगलवार के दिन आने वाले व्रत को भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है | इस din किए जाने वाले प्रदोष व्रत से किसी भी तरह के कर्ज से मुक्ति मिलती है और हजारो यज्ञ को करने से दरिद्रता का नाश होता है और मंगल भी शुभ फल देता है |
शनि प्रदोष व्रत : शनिवार के दिन आने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है | इस दिन किए जाने वाले प्रदोष व्रत से संतान की प्राप्ति होती है और आयु में वृद्धि होती है | साथ ही शनि से जुड़े हर दोष को भी दूर करता है | इस दिन पीपल की पूजा करने के भी फायदे है |
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