कंकण सूर्यग्रहण 21 जून , 2020 ई. : यह कंकण सूर्यग्रहण 21 जून , 2020 ई. की प्रातः से दोपहर तक सम्पूर्ण भारत खण्डग्रास रुप में दिखाई देगा| इस ग्रहण की कंकणाकृति केवल उत्तरी - राजस्थान, उत्तरी हरियाणा तथा उत्तराखंड राज्ये के उत्तरी क्षेत्रों में से गुजरेगी | भारत के अलावा यह ग्रहण दक्षिण - पूर्वी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया के केवल उतरी क्षेत्रों , प्रशांत व् हिन्द महासागर , मध्य पूर्वी एशिया में दिखाई देगा |
कंकण सूर्यग्रहण 21 जून , 2020 ई. | Star Catcher Astrologer | ग्रहण में क्या करे - क्या न करे चाहिए ?
ग्रहण प्रारम्भ - 9:15:58 am.
कंकण प्रारम्भ - 10:17:45 am.
परमग्रास (मध्य) -12:10:4 pm.
कंकण समाप्त - 14:02:17 pm.
ग्रहण समाप्त - 15:04:01 pm.
यह कोंकण सूर्य ग्रहण रविवार के दिन घटित हो रहा है । इसे 'चूड़ामणि सूर्य ग्रहण ' कहा जाता है । इस ग्रहण में स्नान, दान, जप, पाठ, पूजा आदि का बहुत माहात्म्य माना गया है ।
जब ग्रहण का प्रारम्भ हो रहा हो , तो उस समय से पहिले ही स्नान - जप अर्थात संकलप संकल्पदि कर ले , मध्यकाल में होम , देव पूजा , पाठ और ग्रहण का मोक्ष समीप होने पर दान तथा पूर्ण मोक्ष होने पर पुन: स्नान करना चाहिए | सूर्य ग्रहण काल में भगवान सूर्य उपासना , आदित्य हदय स्तोत्र आदि सूर्य स्तोत्रो का पाठ करना चाहिए | पका हुआ अन्न, कटी हुई सब्जी , ग्रहण काल में दूषित हो जाते है , उन्हे नहीं रखना चाहिए | परन्तु तेल , घी , दूध , लस्सी , माखन , पनीर , आचार , चटनी , मुरब्बा आदि में तिल या तुलसी रख देने से यह ग्रहण काल में दूषित नहीं होते |
सूतक में मूर्ति स्पर्श करना वर्जित है | वृद्ध , रोगी , बालक व गर्भवती स्त्रियों को भोजन या दवाई आदि लेने में कोई दोष नहीं है |
गर्भवती महिलओं को ग्रहण में सब्जी काटना , शयन करने , पापड़ सेकने या काटने - सिलाई आदि जैसे कामो से परहेज करना चाहिए | धर्म ग्रंथ, पाठ पूजा और प्रसन्न चित होकर पढ़ने से संतान स्वस्थे और सदोगुण वाली होती है |
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